पशुपालन विभाग का परिचय
(Introduction of Animal Husbandry Department)
पशुपालन विभाग की स्थापना पशुधन एवं पशुपालन उद्योग विकास योजनाओं का गठन एवं कार्यान्वयन हेतु जुलाई 1945 में हुई। इस विभाग को स्वतंत्र विभाग का दर्जा दिसम्बर 1949 में प्राप्त हुआ। तब से यह विभाग कार्यरत है। पशुपालन के बहुमुखी विकास के लिये बिहार राज्य में एक पशुपालन निदेशालय, नया सचिवालय (विकास भवन) पटना में कार्यरत है जिसके माध्यम से पशुओं के नश्ल सुधार, रोग नियंत्राण, पौष्टिक चारा दाना उत्पादन, पशुओं के रख रखाव एवं पशुपालकों के ज्ञानवर्ध्दन एवं राज्य के बहुमुल्य सम्पदा को बनाये रखने की दृष्टि से विभिन्न योजनाओं, परियोजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से निरन्तर सेवा उपलब्ध करा रहा है ताकि पशुधन उत्पादन में वृध्दि के साथ-साथ ग्रामीण खासकर कमजोर लोगों के आर्थिक स्तर को ऊँचा उठाकर उन्हें आत्म निर्भर बनाया जा सके।
पशुपालन विभाग में कार्यों के निर्वहन का मुख्य आधार बिहार पशु संरक्षण एवं विकास अधिनियम, 1955/ पशु क्रुरता निवारण अधिनियम, 1960 एवं संबंधी नियमावली, 2001/ बिहार गोशाला अधिनियम, 1950 एवं तत्संबंधी नियमावली 1953 है। इसके अतिरिक्त विभागीय योजनाओं/ परियोजनाओं एवं कार्यक्रमों के अनुसार विभागीय कार्यो का सम्पादन होता है।
Bihar became the first state in India to have separate web page for every city and village in the state on its website www.brandbihar.com (Now www.brandbharat.com)
See the record in Limca Book of Records 2012 on Page No. 217